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श्री गुरदीप सिंह

श्री गुरदीप सिंह

Chairman & Managing Director

गुरदीप सिंह वर्ष 2016 से एनटीपीसी लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हैं। एनटीपीसी में कार्यभार ग्रहण करने से पहले, आप गुजरात स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रहे।

आपका विद्युत क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक का शानदार करियर है। आपने वर्ष 1987 में एनटीपीसी के साथ एक इंजीनियर प्रशिक्षु के रूप में अपना करियर शुरू किया और बहुराष्ट्रीय कंपनियों सहित सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में विभिन्न रैंकों में अपना कार्य किया।

आपने एनआईटी कुरुक्षेत्र से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया है और आईआईएम अहमदाबाद से प्रबंधन शिक्षा कार्यक्रम पूरा किया है। आपने सैड बिजनेस स्कूल-ऑक्सफोर्ड (यूके), हार्वर्ड-कैनेडी स्कूल (यूएसए), डार्डन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट-वर्जीनिया (यूएसए), सिंगापुर सिविल सर्विसेज कॉलेज (सिंगापुर) और आईएसबी हैदराबाद (भारत) जैसे प्रसिद्ध वैश्विक संस्थानों से प्रबंधन और नेतृत्व संबंधी इनपुट भी प्राप्त किए हैं।

आप ग्लोबल नेट ज़ीरो ट्रांज़िशन में कोयले के संबंध में आईईए के उच्च स्तरीय सलाहकार समूह के सदस्य हैं और क्लीन एनर्जी मिनिस्ट्रियल एच2आई सलाहकार समूह के सदस्य भी हैं। आपने एनर्जी एंड रिसोर्स एफिशिएंसी, बी20 इटली 2021 पर टास्कफोर्स के सह-अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

आपने एनटीपीसी के विकास को बनाए रखने और एक अग्रणी वैश्विक ऊर्जा कंपनी के रूप में एनटीपीसी के दर्जे को बनाए रखने के लिए आवश्यक सांस्कृतिक परिवर्तन लाने के लिए विभिन्न पहलों की शुरूआत है। आपने एनटीपीसी को ऊर्जा परिवर्तन में सबसे अग्रणी बनाए रखा है और एनटीपीसी को केवल "कोयला आधारित विद्युत उत्पादन कंपनी" से "सतत एकीकृत ऊर्जा कंपनी " में परिवर्तित करने के लिए सघन नवीकरणीय वृद्धि, हरित हाइड्रोजन, अधिग्रहण, बायोमास, वेस्ट-टू-वेल्थ, सीसीयू, वैश्विक उपस्थिति आदि जैसी कई पहलें शुरू की हैं।

प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त में वृद्धि करने पर आपके सुदृढ़ फोकस के परिणामस्वरूप ने एनटीपीसी को विभिन्न निविदाएं हासिल करने और नवीकरणीय ऊर्जा में एक सुदृढ़ प्लेयर के रूप में उभरने में मदद मिली। पर्यावरण फुटप्रिंट को कम करने, सततता प्रयासों को अधिकतम करने पर आपका प्रेरण और 'कम लागत कम उत्सर्जन' का एक केंद्रित दृष्टिकोण, भारत के सभी के लिए स्वच्छ और सस्ती विद्युत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के अनुरूप है और इससे कोयला स्वैपिंग की अवधारणा, माल-भाड़े को तर्कसंगत बनाने, अल्पमूल्य वाले स्टेशनों की शेड्यूलिंग में प्राथमिकता देने और स्कीमों के निर्धारण में लचीलापन प्रदान करने में मदद मिली है।

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