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भारत के विद्युत क्षेत्र में अग्रणी

ऊर्जा, परम आवश्यक और उन महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है जिनके परिणामस्वरूप हमारी अर्थव्यवस्था उन्नत होती है। एनटीपीसी इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए निर्बाध और किफायती विद्युत  प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे देश के दूर-दराज के लोगों तक समृद्धि पहुंचे। आज, 75 गीगावाट से अधिक की संस्थापित क्षमता के साथ, एनटीपीसी भारत की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत कंपनी बनने की ओर अग्रसर है और वर्ष 2032 तक विविध ईंधन मिश्रण के साथ 130 गीगावाट संस्था और उत्पादन के मामले में 600 बीयू वाली कंपनी बनने का लक्ष्य रखता है।

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ऊर्जा परिवर्तन को गति देना

ऊर्जा के संबंध में संयुक्त राष्ट्र के उच्च-स्तरीय संवाद (एचएलडीई) के भाग के रूप में अपने ऊर्जा सघन लक्ष्यों की घोषणा करने वाली पहली ऊर्जा कंपनी, एनटीपीसी वर्ष 2032 तक 50% गैर-जीवाश्म आधारित क्षमता हासिल करने के लक्ष्य के साथ अपने आरई फुटप्रिट को सुदृढ़ करके, ग्रीन हाइड्रोजन, अपशिष्ट से ऊर्जा, बैटरी भंडारण और नाभिकीय ऊर्जा जैसे नए क्षेत्रों में विस्तार करके भारत के नवीकरणीय ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र का नेतृत्व कर रहा है। 3 गीगावॉट से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा प्रचालनाधीन और 12 गीगावॉट कार्यान्वयनाधीन है, कंपनी का लक्ष्य वर्ष 2032 तक अपने तहत 60 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करना है। इसने निवल ऊर्जा शून्य (नेट एनर्जी जीरो) प्रयास के लिए नीति आयोग के साथ सहयोग किया है।

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समुदायों के साथ जुड़ना

सतत समुदायों का निर्माण न केवल एनटीपीसी के लिए सीएसआर और सततता नीतियों का आधार बनता है, बल्कि यह विद्युत उत्पन्न करने और लाखों लोगों के जीवन को रोशन करने के मामले में कंपनी के मुख्य व्यवसाय के लिए आवश्यक है। कंपनी वहनीय कीमत पर विश्वसनीय विद्युत, इससे संबंधित उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करने, नवीन और पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी के साथ विभिन्न ऊर्जा स्रोतों को एकीकृत करने और इस प्रकार समाज में योगदान देने में विश्वास करती है।

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भावी नेतृत्वकर्ताओं को पोषित करना

हमारे लोगों की परिपाटियां निरंतर प्रक्रिया में सुधार करने, कर्मचारियों की संलग्नता में वृद्धि करने, केंद्रित ज्ञानार्जन और विकास, कैरियर और विकास के अवसर प्रदान करने और कर्मचारी कल्याण के माध्यम से मानव संसाधन के विकास और प्रबंधन में उत्कृष्टता प्राप्त करने पर लक्षित हैं। यह एनटीपीसी के "पीपुल बिफोर पीएलएफ", जो एचआर नीतियों के संपूर्ण सरगम के पीछे का मार्गदर्शक सिद्धांत है, दृष्टिकोण का परिणाम है और इस प्रकार एक सक्षम और आकर्षक प्रगतिशील कार्य संस्कृति का निर्माण करता है। आज, एनटीपीसी देश के बेहतरीन नियोक्ताओं और कार्यस्थलों में से एक के रूप में सुविख्यात है। और पढ़ें

सतत विकास का संचालन

भारत के विकास को गति प्रदान करने के लिए एनटीपीसी की सतत व्यवसाय परिपाटियां इसके दृष्टिकोण का एक अभिन्न अंग हैं। कंपनी सामाजिक समावेश, पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के ट्रिपल बॉटम लाइन फ्रेमवर्क का पालन करते हुए ऊर्जा उत्पादन में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

75,418 MW

संस्थापित क्षमता

~25%

अखिल भारतीय उत्पादन में हिस्सेदारी

353 Cr.

का सामुदायिक निवेश

17,794

कर्मचारी

हमारी ऊर्जा संपत्तियाँ

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