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प्रेस विज्ञप्ति
11वीं योजना के दौरान रिकार्ड 54,964 मेगावाट क्षमता की वृद्धि हुई
03rd जून, 2012
ग्यारहवीं योजना में 54,964 मेगावाट की रिकार्ड अतिरिक्त क्षमता से देश की कुल स्थापित क्षमता दो लाख मेगावाट से अधिक हो गई। 10वीं योजना में बढ़ाई गई क्षमता से यह लगभग ढाई गुना अधिक है।एनटीपीसी के सोलापुर सुपर थर्मल विद्युत परियोजना (2x660 मेगावाट) के मुख्य संयंत्र सिविल निर्माण कार्य का शुभारंभ करने के लिए आयोजित समारोह के दौरान सोलापुर में श्री सुशील कुमार शिंदे , केंद्रीय विद्युत मंत्री ने इसका उल्लेख किया। श्री के. सी. वेणुगोपाल केंद्रीय विद्युत राज्य मंत्री और राज्य एवं उस क्षेत्र के अन्य गणमान्य व्यक्ति इस ऐतिहासिक अवसर पर वहां उपस्थित थे।
अपने सम्बोधन में, श्री के. सी. वेणुगोपाल, केंद्रीय विद्युत राज्य मंत्री ने विविधीकृत ईंधनों के जरिए देश की विद्युत की मांग पूरी करने के लिए सरकार की वचनबद्धता पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर बोलते हुए श्री अरूप रॉय चौधरी, सी एम डी, एनटीपीसी ने कहा कि देश के विद्युत मानचित्र में राष्ट्र और सोलापुर के विकास के लिए गुणवत्ता पूर्ण विद्युत उत्पादन करने के लिए कंपनी वचनबद्ध है।
श्री शिंदे ने सोलापुर विद्युत और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को भी राष्ट्र को समर्पिंत किया। उन्होंने सोलापुर में सिपती (सोलापुर पावर एंड इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट) आवासीय परिसर के सिविल निर्माण कार्य के शुभारंभ की भी घोषणा की। स्पिती आधुनिकतम आई टी आई होगा, जिसमें वेल्डिंग, इलेक्ट्रिशियन के लिए कार्यशालाएं, इंस्ट्रूमेंट मेकनिक ट्रेड, कम्प्यूटर लैब कक्ष होंगे। इस संस्थान से क्षेत्र की व्यावसायिक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी और स्थानीय युवकों के लिए रोजगारयोग्य बेहतर संभावना सुनिश्चित होगी।
एनटीपीसी भारत का सबसे बड़ा विद्युत उत्पादक संस्थान है, जो देश की विद्युत आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और इसके आर्थिक एवं सामाजिक विकास में योगदान दे रहा है। एनटीपीसी की वर्तमान स्थापित क्ष्+ामता 38014 मेगावाट है। सी एस आर एनटीपीसी का विश्वास का लेख है यह अपनी विद्युत परियोजनाओं के आस-पास अवसंरचना, स्वास्थ्य, स्वच्छता और शिक्षा के क्षेत्रों में सामुदायिक क्रियाकलापों में अनेक प्रयास करता है।
अपने कारोबारी एककों के आस-पास जनता की सामाजिक-आर्थिक क्षमता कंपनी के रूप में एनटीपीसी की सतत सफलता का अभिन्न अंग है। यह विश्वास एनटीपीसी को अपने अनुसंधान और रेफरल क्रियाकलापों में तथा सीएसआर प्रयासों में भागीदारी का दृष्टिकोण अपनाने में मार्गदर्शन देता है।
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