एनटीपीसी इलैक्ट्रिक सप्लाई कंपनी लिमिटेड (एन ई एस सी एल)
कंपनी का गठन 21 अगस्त, 2002 में किया गया था। यह पावर क्षेत्र में शुरू किए गए सुधारों के परिणामस्वरूप बिजली के संवितरण एवं आपूर्ति के कारोबार को व्यापक रुप से बढ़ाने के उद्देश्य से गठित एनटीपीसी की पूर्ण स्वामित्व सहायक कंपनी है। कंपनी, इलैक्ट्रिक संचरण प्रबंधन प्रणाली के क्षेत्र में परामर्शी सेवा एवं नियत कार्यों को शुरू करने के लिए भी आदेशाधीन है।
50:50 संयुक्त उद्यम कंपनी किनेस्को पावर एवं यूटीलिटी प्राइवेट लिमिटेड के गठन से केरल औद्योगिक आधारित संरचना विकास निगम (के आई एन एफ आर ए) जो पहले से के आर्इ एन एफ आर ए स्वामित्व की औद्योगिक थीम पार्क में बिजली का संचारण कर रही है, के साथ पावर संचरण में प्रथम प्रवेश है।
संचरण के क्षेत्र में क्षेत्रीय सहायता के उद्देश्य से, एन ई एस सी एल को राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (के जी जी वी वाई) के तहत ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यों को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
एनटीपीसी विधुत व्यापार निगम लिमिटेड (एन वी वी एन)
एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एन वी वी एन) का गठन देश में विद्युत व्यापार की संभावना का दोहन करने के लिए इसकी पूर्ण स्वामित्व सहायक कंपनी के रूप में किया गया था जिससे देश में उत्पादन एवं पारेषण संपत्तियों के अधिकतम क्षमता उपयोग को बढ़ाया जा सके और भारत में विद्युत बाजार के विकास में एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सके। कंपनी को सीर्इआरसी से उच्च श्रेणी-I व्यापार लाइसेंस प्राप्त है।
भारत सरकार ने कंपनी को 33 केवी एवं अधिक के ग्रिड से जुड़ी सौर विधुत परियोजनाओं से पावर की खरीद हेतु अधिदेश के साथ जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन (जे एन एन एस एम) के चरण-I के लिए तथा जे एन एन एस एम के चरण-I (2010-2013) के तहत संवितरण उपयोगिताओं के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया है, जिसमें 1000 मेगावाट सौर क्षमता की स्थापना अभिकलिपत है।
कंपनी को भूटान और बंगलादेश के साथ सीमा पार व्यापार के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है और एनटीपीसी के विभिन्न सेंट्रल उत्पादन स्टेशनों से 25 वर्षों के लिए 250 मेगावाट पावर की आपूर्ति के लिए बंगलादेश (बी पी डी बी) के साथ करार किया है।
कंपनी राख के व्यवसाय से भी जुडी है जिसमें एनटीपीसी के विभिन्न कोयला पावर स्टेशनों से फ्लार्इ एश और सेनोस्फेयर की बिक्री शामिल है। अधिक
कांटी बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड (पूर्व में वैशाली पावर उत्पादन कंपनी लिमिटेड के रूप में ज्ञात)
मुजफ्फरपुर ताप विद्युत स्टेशन (2x110 मेगावाट) पूर्व में ''वैशाली पावर उत्पादन कंपनी लिमिटेड (वी पी जी सी एल)'' नाम की सहायक कंपनी को 6 सितम्बर, 2006 को 51 प्रतिशत की इक्विटी का अंशदान करते हुए एनटीपीसी में शामिल किया गया था और शेष इक्विटी का अंशदान बिहार राज्य विधुत बोर्ड द्वारा किया गया था। कंपनी को 10 अप्रैल, 2008 को ''कांटी बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड'' के रूप में पुन:नामित किया गया था। वर्तमान इकिवटी संपत्ति एनटीपीसी 64.57 प्रतिशत और बी एस र्इ बी 35.43 प्रतिशत है। कंपनी मौजूदा यूनिट का जीर्णोद्वार एवं आधुनिकीकरण कर रही है और नये यूनिट भी स्थापित कर रही है।
भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड (बी आर बी सी एल)
''भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड'' के नाम के तहत एनटीपीसी की सहायक कंपनी को 22 नवम्बर, 2007 को एनटीपीसी एवं रेल मंत्रालय, भारत सरकार से नबीनगर बिहार में 250 मेगावाट की कोयला आधारित पावर प्लांट की चार यूनिटों की स्थापना के लिए क्रमश: 74:26 इकिवटी अंशदान के साथ शामिल किया गया था। परियोजना को निवेश मंजूरी जनवरी, 2008 में प्रदान की गर्इ थी। इस परियोजना से रेलवे की 90 प्रतिशत पावर की कर्षण एवं गैर-कर्षण पावर अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए आपूर्ति की जानी है।
पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल)
पीवीयूएनएल की स्थापना 15.10.2015 को एनटीपीसी की सहायक कम्पनी के रूप में, एनटीपीसी की 74% की हिस्सेदारी और जेबीवीएनएल की 26% हिस्सेदारी के साथ, पतरातू थर्मल पावर स्टेशन, जिला रामगढ़, झारखण्ड की निष्पादक मौजूदा यूनिटों के अधिग्रहण, स्थापना, प्रचालन, रखरखाव, पुनर्जीवन, पुनःसज्जा, पुनरूद्धार एवं आधुनिकीकरण करने तथा इसकी क्षमता का विस्तार, दो चरणों अर्थात् फेस-I (3X800 मेगावाट) तथा फेस-II (2X800 मेगावाट) में, करने के लिए की गई।
झारखण्ड सरकार ने दिनांक 01.04.2016 को पतरातू थर्मल पावर स्टेशन की परिसंपत्तियां पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को हस्तांतरित करने की अधिसूचना जारी कर दी है।