एनटीपीसी निदेशक मण्डल संगठन के सम्पूर्ण दर्शन तथा दिशा को निर्देशित करता है एवं इसकी एक संगठित दृष्टी है...
"भारत के विकास को ऊर्जा प्रदान करते हुए विश्व की अग्रणी विद्युत कंपनी बनना"
एनटीपीसी निदेशक मण्डल संगठन के सम्पूर्ण दर्शन तथा दिशा को निर्देशित करता है एवं इसकी एक संगठित दृष्टी है...
"भारत के विकास को ऊर्जा प्रदान करते हुए विश्व की अग्रणी विद्युत कंपनी बनना"
श्री गुरदीप सिंह, 51 वर्ष, मेकैनिकल इंजीनियर है। उन्हें विद्युत उत्पादन क्षेत्र में 28 वर्षों से अधिक का अनुभव प्राप्त है। उन्होंने अपने केरियर की शुरुआत एनटीपीसी लिमिटेड के साथ की और भारतीय व बहुराष्ट्रीय कंपनियों नामत: पावरजेन, सीएलपी, आईडीएफसी, सीईएससी और एईएस, में विभिन्न पदों पर काम किया है। उन्हें विद्युत क्षेत्र में व्यवसाय विकास, परियोजना और प्रचालन का भी अनुभव प्राप्त है।
एनटीपीसी में कार्यभार संभालने के पहले श्री सिंह गुजरात राज्य विद्युत निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक थे।
श्री दिलीप कुमार पटेल ने 1 अप्रैल, 2020 को निदेशक (मानव संसाधन) का पदभार संभाला। उन्होंने इंजीनियरिंग इक्जिक्युटिव (11वां बैच) के रूप में 1986 में एनटीपीसी में अपना करियर आरंभ किया था। श्री पटेल की इक्जिक्युटिव ट्रेनी के पद पर साधारण-सी शुरूआत से लेकर एनटीपीसी में मानव संसाधन फंक्शन के शीर्ष नेतृत्व तक उन्नति उनके कार्य के प्रति लगाव, प्रतिबद्धता और मेहनत को दर्शाती है। उन्होंने एनआईटी, राउरकेला से मैकेनिकल इंजीनियरी में स्नातक किया और एमडीआई, गुरूग्राम से बिजनेस मैनेजमेंट (एचआर एवं फाइनेंस) में अपना स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया था। उन्होंने ईएससीपी-ईएपी (पेरिस, बर्लिन और तुरिन), हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (यू०एस०ए०) आईएसबी हैदराबाद और एक्स एल आर आई जमशेदपुर से भी प्रबंधन एवं नेतृत्व में प्रशिक्षण-ज्ञान प्राप्त किया है।
उनका लाइन और एचआर फंक्शनों का सम्मिलित रूप से तीन दशक से अधिक लम्बे समय का लम्बा यशस्वी करियर रहा है। ओएंडएम (मैकेनिकल मेन्टेनैन्स एवं सीएचपी ऑपरेशन) और कोरबा में ईडीसी में शुरूआती कार्यानुभव के पश्चात् उन्होंने करियर में छलांग लगाई और 1997 में मुख्य एचआर फंक्शन में करियर परिवर्तन किया। उन्होंने कोरबा में एचआर के विभिन्न पहलुओं का कार्य संभाला और तदनंतर एनटीपीसी की प्रथम जलविद्युत परियोजना कोलडैम के एचआर प्रमुख बन गए। वह लगभग 13 वर्षों के लिए एनएसपीसीएल-भिलाई, सीपत और टांडा जैसी एनटीपीसी की विभिन्न प्रमुख परियोजनाओं में एचआर प्रमुख रहे थे। एनटीपीसी में निदेशक (एचआर) के पद पर नियुक्त किए जाने से पूर्व वह लघु काल के लिए पूर्वी क्षेत्र-II के क्षेत्रीय प्रमुख के पद पर रहे।
उन्होंने सौंपे गए विभिन्न चुनौतीपूर्ण कार्यों को संभाला है और थर्मल, जलविद्युत, संयुक्त उद्यमों के साथ-साथ अधिग्रहित परियोजनाओं वाले विभिन्न कार्यस्थलों पर कार्य करते हुए मानव संसाधन प्रकार्यों (फंक्शन) का सफल प्रबंधन किया है। ‘’पीएलएफ से पूर्व इन्सान’’ के दर्शन में उनका दृढ विश्वास है। उनकी संगठन की अंतर्निहित संस्कृति की गहरी समझ और बहुआयामी अनुभव से मानव संसाधन को श्रेष्ठतम बनाने और आने वाले समय में एनटीपीसी में नई ऊंचाइयों को छूने में सहायता मिलेगी।
एनआईटी श्रीनगर से एक मैकेनिकल इंजीनियरी में स्नातक और आईआईटी दिल्ली से थर्मल इंजीनियरी में मास्टर श्री बाबू वी ने 1987 में 12वां बैच कार्यकारी प्रशिक्षु के रूप में एनटीपीसी में पदभार ग्रहण किया। इन्हें विद्युत संयंत्र प्रचालन एवं रख-रखाव के क्षेत्र में विशाल आकार के संयंत्रों के प्रबंध, पुरानी ईकाइयों के नवीकरण एवं आधुनिकीकरण और थर्मल संयंत्रों के सिस्टमों में सुधार करने एवं कार्य कुशल बनाने के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान सहित 32 वर्षों का विस्तृत अनुभव है। एक पेशेवर प्रबंधक और रणनीतिक योजनाकार के रूप में इन्होंने संयंत्रों की विश्वसनीयता और कार्यकुशलता में सुधार के लिए की गई अनेक पहलों का नेतृत्व किया है।
श्री रमेश बाबू के पावर सेक्टर के अनुभव में एनटीपीसी तालचर कनिहा और एनएसपीसीएल दुर्गापुर के बिजनेस यूनिट हेड के पद पर वरिष्ठ प्रबंधन स्तर का कार्यनुभव सम्मिलित है। निदेशक (प्रचालन) के पद पर उन्नयन से पूर्व, वह सीएमडी के ईडी के पद पर कार्यरत थे और एनटीपीसी पावर संयंत्रों की प्रचालनात्मक उत्कृष्टता से संबंधित कार्यनीतियों और प्रणाली सुधार कार्यकलापों के विषय पर काम कर रहे थे। निदेशक (प्रचालन) एनटीपीसी के पद पर उनका दायित्व सभी पावर स्टेशनों की ईंधन सुरक्षा एवं पर्यावरण अनुपालन को सुनिश्चित करते हुए एनटीपीसी समूह पोर्ट फोलियो के सभी पावर उत्पादक स्टेशनों की सुरक्षा, विश्वसनीयता और कुशल प्रचालन से संबंधित समग्र आयोजना का है।
श्री आशीष उपाध्याय (डीआईएन 06855349) (आयु 55 वर्ष) भा.प्र.से. अपर सचिव एवं वित्त सलाहकार विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार ने 22.01.2020 को एनटीपीसी के बोर्ड में अंशकालिक सरकारी निदेशक के पद पर पदभार ग्रहण किया था| श्री उपाध्याय मध्य प्रदेश कैडर के 1989 बैच के भा.प्र.से. अधिकारी हैं। सेंट जॉन कॉलेज, आगरा से इतिहास में अपनी स्नातकोत्तर पूर्ण करने के पश्चात् उन्होंने सिविल सेवा की नौकरी शुरू की और अपर जिला कलेक्टर के पद पर अनुपपुर, शहदोल और उमरिया के कोयला उत्पादन क्षेत्रों के कार्यकाल सहित मध्य प्रदेश की राज्य सरकार में विभिन्न पदों पर 31 वर्षों से अधिक की सेवा की है। वह एम.पी. और छत्तीसगढ के 3 जिलों के 5 वर्षों से अधिक के लिए कलेक्टर रहे हैं। श्री उपाध्याय ने अनेक वर्षों के लिए गृह, उच्च शिक्षा और वित्त सहित विभिन्न विभागों के सचिव और प्रधान सचिव के पदों पर राज्य स्तर पर सेवा की है। संयुक्त सचिव, कोयला के रूप में वह अवैध खनन के जोखिम पर नियंत्रण के लिए अन्तरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के माध्यम के युक्ति विकसित करने में करण-कारक रहे हैं। उनका अकादमिक झुकाव है और सेवा में रहते हुए, उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखी तथा अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर एवं एलएलबी पूर्ण की। उन्होंने मैक्सवैल स्कूल ऑफ सिटीजनशिप, साइराकूज विश्वविद्यालय, यू.एस.ए. से लोक प्रशासन में मास्टर की डिग्री भी ली है। श्री उपाध्याय 14 नवंबर, 2019 से अपर सचिव एवं वित्त सलाहकार, विद्युत मंत्रालय के पद पर कार्यरत हैं।